देहरादून। उत्तराखंड में हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मानसून की शुरुआत के साथ ही प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं का दौर शुरू हो गया है। राज्य में जगह-जगह क़ुदरत अपना क़हर बरपा रही है। इन सभी घटनाओं पर चिंता जताते हुए समाजसेवी भावना पांडे ने गहरा दुःख प्रकट किया है।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि प्रदेशभर में हो रही भारी वर्षा के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। विशेषकर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में लोग प्रकृति की मार झेल रहे हैं। जगह-जगह भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं के चलते लोग जान गंवा रहे हैं। वहीं मैदानों में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गये हैं।
जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि उत्तरकाशी के बड़कोट क्षेत्र में एवं यमुनोत्री हाईवे के आसपास कई स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं हुई। इसमें पालीगाड से लेकर सिलाई बैंड और ओजरी तक कई स्थानों पर सड़क का बड़ा हिस्सा बह गया। वहीं, सिलाई बैंड में नाले के पास बादल फटने से आए मलबे और पानी के तेज बहाव से वहां टैंट में रह रहे 9 मजदूर बह गए। जबकि करीब 20 मजदूरों ने भागकर जान बचाई।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि मानसून की शुरुआत में ही उत्तराखंड को भारी नुकसान झेलना पड़ा है, जबकि अभी बरसात का पूरा दौर बाकी है। उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं से लोगों को बचाने और लोगों तक समय पर मदद पहुंचाने के लिए अभी भी बड़ी तैयारियों की आवश्यकता है। इन हादसों से सबक सीखना होगा।
समाजसेवी भावना पांडे ने कहा कि बरसात की वजह से प्रदेशभर में कई स्थानों पर भारी नुकसान व टूट-फूट की सूचनाएं मिल रही हैं। प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए सरकार को बड़े कदम उठाने होंगे। आपदा के मद्देनजर सूचना तंत्र को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाना चाहिये। सरकार को आपदा से निपटने के लिए आपदा तंत्र को पूरी तरह सक्रिय रखना चाहिए और किसी भी परिस्थिति में आवश्यक कदम उठाने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
