
देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, राज्य आंदोलनकारी एवं प्रसिद्ध समाजसेवी भावना पांडे ने उत्तराखंड में आ रही प्राकृतिक आपदाओं को लेकर गहरा दु:ख व्यक्त किया। उन्होंने देवभूमि में हो रही ऐसी घटनाओं को लेकर चिंता प्रकट की है।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा- देवभूमि उत्तराखंड में आने वाली प्राकृतिक आपदाएं प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का ही परिणाम हैं। जब प्रकृति के साथ अत्यधिक छेड़छाड़ की जाती है, तो प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने के फलस्वरूप ही ऐसी आपदाएँ आती हैं। उत्तरकाशी, चमोली और पौड़ी गढ़वाल समेत प्रदेश के कईं क्षेत्रों में आई प्राकृतिक आपदाएं इसका ताज़ा उदाहरण है।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने उत्तराखंड में आने वाली आपदाओं के लिए प्रदेश के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, नेताओं द्वारा अपने वोट बैंक की राजनीति के चलते भारी संख्या में बाहरी लोगों को उत्तराखंड में अवैध रूप से बसाया जा रहा है। नेतागण बाहरी लोगों को यहाँ लाकर नदियों, जंगलों और नालों में जहां जगह मिले अवैध रूप से बस्तियां बसाने में जुटे हैं। वहीं नदियों और जंगलों की जमीनों पर बड़े-बड़े होटल व होम स्टे बनाये जा रहे हैं। आखिर हरे-भरे जंगलों को काटकर इन भव्य इमारतों के निर्माण की अनुमति कैसे दी जा रही है। कहीं न कहीं इसके लिए राज्य सरकार, स्थानीय नेतागण व जनप्रतिनिधि ही जिम्मेदार है। अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से ही ये बड़ा खेल देवभूमि में खेला जा रहा है।
जनसेवी भावना पांडे ने कहा, राजधानी देहरादून के राजपुर क्षेत्र, सहस्त्रधारा क्षेत्र, रायपुर क्षेत्र और मसूरी के तलहटी में बसे कईं इलाकों में नेताओं व अधिकारियों की सांठगांठ से कईं अवैध बस्तियां बसायी गईं हैं। नदियों और नालों में बसी इन बस्तियों में बरसात के दौरान बड़े खतरे की संभावना बनी रहती है। ये सब कुछ राज्य सरकार की नाक के नीचे खुलेआम प्रदेश की राजधानी में हो रहा है।
उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर हरे-भरे जंगलों को काटकर और नदियों को पाटकर इन अवैध बस्तियों को कैसे बसाया जा रहा है। ध्यान रहे, पानी अपना रास्ता तलाश ही लेता है। भविष्य में कभी अगर इन नदियों व नालों में बाढ़ आई तो भारी तबाही हो सकती है। सरकार जवाब दे, आखिर उस त्रासदी के लिए कौन जिम्मेदार होगा?